केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, 15 दिन में शुरू होगा “प्रोजेक्ट डॉल्फिन”, राज्यों के वन मंत्रियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के दौरान कहा, वित्तीय आयोग ने वन संरक्षण के लिए अधिभार 7 से बढ़ाकर 10 फीसदी किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैंपा फंड का 80 फीसदी वन संरक्षण के लिए होगा इस्तेमाल.
केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सभी राज्यों के वन मंत्रियों के साथ सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बैठक की। बैठक में कार्बन स्टॉक को बढ़ाने के लिए वन गुणवत्ता और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने पर बल दिया गया। इस सिलसिले में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, नगर वन योजना के माध्यम से शहरी वानिकी को बढ़ावा देना, 13 प्रमुख नदियों के लैंडस्केप आधारित कैचमेंट ट्रीटमेंट , मिट्टी की नमी संरक्षण परियोजनाओं के लिए कम दर्जे के वन क्षेत्रों का विशेष सर्वेक्षण और राष्ट्रीय पारगमन पोर्टल का शुभारंभ शामिल हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वित्त आयोग ने वन के महत्व को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है और साथ ही ये भी कहा है कि सीएएमपीए धनराशि का 80 प्रतिशत इस्तेमाल राज्यों को वन संरक्षण के लिए करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वनों को आत्मनिर्भर बनाने और मानव पशु संघर्ष को रोकने के लिए राज्यों के पास उपलब्ध क्षतिपूरक वनरोपण कोष से जल और चारा वृद्धि परियोजनाओं को शुरू करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों से एक पखवाड़े के भीतर प्रोजेक्ट डॉल्फिन को लेकर एक रूपरेखा तैयार करने को भी कहा। इस परियोजना में गंगा और समुद्री तटों की डॉलफिन का दीर्घकालिक संरक्षण शामिल होगा।
यह बैठक केंद्रीय सरकार की विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में सभी राज्यों की भागीदारी और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी। राज्यों में भी केंद्र की योजनाओं को लेकर काफी उत्साह दिखा और इन प्रयासों में को मजबूती से आगे बढ़आने में सहयोग का आश्वासन भी व्यक्त किया गया।
Source: DD News