स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के नतीजे में लगातार चौथी बार इंदौर शहर पहले पायदान पर, जबकि गुजरात का सूरत दूसरे और महाराष्ट्र का नवी मुंबई तीसरे स्थान पर काबिज, राज्यों में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी.
केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के नतीजों की घोषणा की। वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवे संस्करण में एक बार फिर इंदौर शहर ने बाजी मारी। नतीजों के मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देश में विभिन्न राज्यों से जुड़े कचरा बुनकर, स्वच्छाग्रही, सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं से भी बात की। गुजरात का सूरत दूसरे और महाराष्ट्र का नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। 100 शहरी निकायों से ज्यादा राज्य श्रेणी वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ अव्वल रहा।
गंगा किनारे वाले शहरों की श्रेणी में वाराणसी, और जालंधर कैंट को देश का सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड चुना गया। 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में अहमदाबाद और 10-40 लाख की आबादी वाले शहर में विजयवाड़ा सबसे स्वच्छ शहर बना। 3-10 लाख की आबादी वाले शहर में मैसूर और दिल्ली शहर ने सबसे स्वच्छ राजधानी शहर का पुरस्कार जीता।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कुल 4,242 शहरों,62 छावनी बोर्डों और 92 गंगा तटीय शहरों की रैंकिंग की गई है। 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी हुई, जिसे 28 दिनों में पूरा किया गया। सर्वेक्षण में 1.7 करोड़ नागरिकों ने स्वछता ऐप पर पंजीकरण किया, सोशल मीडिया के जरिये 11 करोड़ लोग जुड़े और समाज कल्याण योजनाओं से 5.5 लाख से अधिक स्वच्छाग्रही जुड़े। कचरा बीनने वाले 84,000 लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया गया। केन्द्रीय मंत्री ने स्वच्छताग्रही और इस मुहिम से जुड़े सफाईकर्मियों से भी बात की।
मिशन के अंतर्गत 4324 शहर ओडीएफ बने, 1,319 शहरों को ओडीएफ+ और 489 शहरों को ओडीएफ++ बनाया गया है। 66 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 6 लाख से अधिक सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया है। इसके अलावा 2900 ओडीएफ प्लस शहरों के 59,900 से अधिक शौचालयों को गूगल मानचित्र पर लाइव किया गया है। 96% वार्डों में घर-घर जाकर कचरा संग्रह और 66 फीसद कचरे का प्रसंस्करण भी हो रहा है।
Source: DD News