चीन की हरकतों को देखते हुए सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे अपने शीर्ष कमांडरों के साथ बुधवार को बैठक करेंगे। वहीं पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारत अपने सख्त रुख पर कायम है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चीन सीमा पर जारी निर्माण कार्य नहीं रोकेगा। इसके अलावा सीमा पर चीन के बराबर सैनिक भी तैनात किए जाएंगे।
सैन्य सूत्रों ने कहा है कि दो दिवसीय बैठक में शीर्ष सैन्य अधिकारी अन्य विषयों के अलावा सुरक्षा के मसले पर भी चर्चा करेंगे। लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विभिन्न स्थानों पर चीन की ओर से 5,000 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की बराबरी करने के लिए सैन्य तादाद बढ़ाने को लेकर यह बैठक अहम मानी जा रही है।
पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारत अपने सख्त रुख पर कायम है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चीन सीमा पर जारी निर्माण कार्य नहीं रोकेगा। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से मुकाबले के लिए उसके बराबर सैनिक तैनात करेगा।
मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना के प्रमुखों के साथ बैठक में स्पष्ट किया कि चीन के आक्रामक रुख के कारण किसी निर्माण परियोजना को रोकने की जरूरत नहीं है। एक घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपने हालिया लेह दौरे की जानकारी दी। सेना प्रमुख शुक्रवार को लद्दाख स्थित सेना की 14वीं कोर के मुख्यालय गए थे।
इस बैठक में स्पष्ट किया गया कि भारत बातचीत जारी रखेगा लेकिन सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई जाएगी। चीन के साथ लद्दाख में करीब 20 दिन से जारी विवाद के बीच भारत ने उससे लगती सीमा पर उत्तरी सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। दरअसल, रक्षामंत्री ने सैन्य सुधारों की समीक्षा के लिए यह बैठक बुलाई थी। लंबे समय से भारत एलएसी सहित सभी सीमाओं पर पहुंच आसान और सुदृढ़ करने लिए संसाधन बढ़ा रहा है।
Source: Amar Ujala