केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चालू वित्त वर्ष में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के लिए एक हजार पांच सौ 84 करोड़ रुपये के खर्च की मंजूरी दी है। इस योजना की संपूर्ण अवधि यानी 2020 से 2023 तक के लिए बाईस हजार आठ सौ दस करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। बैठक के बाद आज नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बताया कि इस योजना से लगभग 58 लाख पचास हजार कर्मचारियों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत सरकार एक अक्तूबर 2020 से तीस जून 2021 तक काम पर रखे गए कर्मचारियों को दो साल के लिए सब्सिडी देगी। सरकार एक हजार कर्मचारियों की संख्या वाले प्रतिष्ठानों के नए कर्मचारियों के लिए नियोजक के 12 प्रतिशत के अंशदान के साथ-साथ कर्मचारियों के हिस्से के 12 प्रतिशत का भी भुगतान करेगी। सरकार की ओर से कुल 24 प्रतिशत का अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि खाते में किया जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस अंशदान को कर्मचारी के आधार नम्बर से जुडे भविष्य निधि खाते में इलेक्ट्रोनिक तरीके से जमा करेगा।
मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक वाई-फाई सुविधा प्रदान करने के लिए डेटा कार्यालयों के माध्यम से लाइसेंस शुल्क के बिना सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क लगाने को भी मंजूरी दे दी है। दूरसंचार और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस को पीएम-वाणी के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क को बढ़ावा मिलेगा और देश में वाई-फाई क्रांति आएगी। श्री प्रसाद ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल ने मुख्य भूमि में कोच्चि को लक्षद्वीप से समुद्री ऑप्टिकल फाइबर केबल संपर्क से जोडने की परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि इस पर एक हजार 72 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विस्तृत दूरसंचार विकास योजना के अर्न्तगत अरुणाचल प्रदेश और असम के दो जिलों में मोबाइल टेलिफोन सुविधा प्रदान करने के लिए यूनिवर्सल सर्विस ओब्लिगेशन फंड यानी सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि योजना को भी मंजूरी दी है। दो हजार उन्तीस करोड रुपये लागत की इस परियोजना से मोबाइल सेवा से वंचित दो हजार तीन सौ 74 गांवों को यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इस राशि में पांच साल की संचालन लागत भी शामिल है। परियोजना दिसम्बर 2022 में पूरी होगी।
Source: News On Air