भारत शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ की कल होने वाली 19वीं बैठक की मेजबानी करेगा। संगठन में शामिल राष्ट्राध्यक्ष इसमें भाग लेंगे और इसे वर्चुअल रूप में आयोजित किया जाएगा। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि भारत की अध्यक्षता में पहली बार यह शिखर बैठक आयोजित की जा रही है। भारत को 2017 में संगठन की पूर्ण सदस्यता प्राप्त हुई थी। यह शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री स्तर पर आयोजित किया जाता है। शंघाई सहयोग संगठन में व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया जाता है।
भारत ने पिछले वर्ष 2 नवंबर को शंघाई सहयोग संगठन परिषद के प्रमुखों की उपस्थिति में निवर्तमान अध्यक्ष उज़्बेकिस्तान से क्रमवार रूप से अपना पद ग्रहण किया था। भारत का एक वर्ष का कार्यकाल को इस महीने की 30 तारीख को पूरा होगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत शांति, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शंघाई सहयोग संगठन को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मंच मानता है। संगठन में सक्रिय, सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाते हुए भारत शंघाई सहयोग संगठन के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता के दौरान भारत अधिक से अधिक शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए व्यापार, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने की आशा रखता है। भारत की पहल न केवल कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों पर काबू पाने में संगठन के सदस्य देशों के लिए सहायक होगी, बल्कि संगठन को मजबूत करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता का भी संकेत देगी।
शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री संगठन की बैठक में भाग लेंगे। विदेश मामलों के लिए संसदीय सचिव द्वारा पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। संगठन के सदस्य देशों के अलावा इसमें चार पर्यवेक्षक देश भी भाग लेंगे, जिसमें अफगानिस्तान के राष्ट्रपति, ईरान के पहले उपराष्ट्रपति, बेलारूस के प्रधानमंत्री और मंगोलिया के उप प्रधानमंत्री शामिल हैं। तुर्कमेनिस्तान को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
बैठक से पहले शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने पेइचिंग में प्रसार भारती के विशेष संवाददाता अंशुमान मिश्रा से विशेष साक्षात्कार में बैठक से अपेक्षाओं और इससे जुड़ी चुनौतियों पर बात की।
व्लादिमीर नोरोव ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख कोविड-19 महामारी के नकारात्मक परिणामों पर काबू पाने के संदर्भ में, व्यापार, आर्थिक और निवेश क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में शामिल देश संगठन की व्यापार परिषद और अंतरबैंक एसोसिएशन की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।
संगठन के महासचिव ने इस वर्ष पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक कार्यदल बनाने के लिए शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव का विशेष उल्लेख किया। शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाचार और स्टार्ट-अप पर एक विशेष कार्य बल बनाने का प्रस्ताव रखा था। ताकि ये स्टार्ट-अप इको-सिस्टम के क्षेत्र में भारत के समृद्ध अनुभव को साझा कर सके। भारत की अध्यक्षता में इस वर्ष का पहला शंघाई सहयोग संगठन स्टार्ट-अप फोरम भी शुरू किया गया।
व्लादिमीर नोरोव ने पहली बार संगठन की डिजिटल प्रदर्शनी का उल्लेख किया। यह साझा बौद्ध विरासत को समर्पित की गई है और इसका कल नई दिल्ली में उद्घाटन किया जाएगा। सरकार के प्रमुखों के बैठक में शामिल होने से क्षेत्र के लोगों के बीच आपसी सद्भाव और परस्पर सम्पर्क को बढ़ावा मिलेगा।
Source: News On Air