‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत मणिपुर में हर घर तक नल से साफ पीने का पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि प्रोजेक्ट को भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। परियोजना को राज्य के लोगों खासतौर से बहनों के लिए रक्षा बंधन का गिफ्ट बताते हुए पीएम ने कहा कि इससे घर में ही पीने का साफ पानी उपलब्ध होगा, तो साथ ही, हज़ारों लोगों को रोज़गार भी मिलेगा.
सबको शौचालय की सुविधा हो या फिर गरीब का बैंक अकाउंट खुलवाना, सबको घर देने की पहल हो या फिर सब तक बिजली पहुंचाना, बीते 6 वर्षों में मोदी सरकार ने आम लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि Ease OF Living गरीबों का हक़ है, जिसे एक जनान्दोलन की तरह आगे बढ़ाया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि जल जीवन मिशन के तहत देश के 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी पहुंचाने का मिशन भी एक जनान्दोलन की तरह आगे बढ़ रहा है.
यानि हर रोज एक लाख माताओं-बहनों के जीवन से पानी की इतनी बड़ी चिंता को हम दूर कर रहे हैं, उनका जीवन आसान बना रहे हैं. ये तेज़ी इसलिए भी संभव हो पा रही है, क्योंकि जल जीवन मिशन एक जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ रहा है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हर मोर्चे पर नॉर्थ ईस्ट में तेजी से काम हो रहे हैं तो बड़े नतीजे भी दिखें हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने के लिए रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है तो पर्यटन को प्रोत्साहित करने बड़े कदम भी उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट का विकास आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देगा तो साथ ही ये act east पॉलिसी को भी सशक्त करता है.
म्यांमार, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के साथ हमारे सामाजिक और व्यापारिक रिश्तों को मज़बूती देती है, वहीं भारत की Act East Policy को भी सशक्त करती है. हमारा ये नॉर्थ ईस्ट, एक प्रकार से पूर्वी एशिया के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक रिश्तों और भविष्य के Trade, Travel और Tourism के रिश्तों का गेटवे है।
पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है।ये इसलिए मुमकिन हो सकता है क्यूंकि अब पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में वो ताकत है कि देश को बांस या उससे जुड़े उत्पादों के आयात की जरूरत ही ना पड़े. इसे आगे बढ़ाने के लिए बाँस मिशन के जरिए बड़ा निवेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इसी तरह के लोकल प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए कल्स्टर्स विकसित किया जा रहा है.
Source: DD News