प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आजवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण और सूरत मेट्रो रेल परियोजना का भूमि पूजन करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अन्य लोगों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। मेट्रो की इन परियोजनाओं से इन शहरों को पर्यावरण अनुकूल और तीव्रगामी परिवहन प्रणाली मिलेगी।
अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण में दो गलियारों के अंतर्गत अट्ठाईस दशमलव दो पांच किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जायेगा। इस परियोजना की कुल लागत 53 अरब चौरासी करोड़ रुपये है।
दूसरे चरण का पहला गलियारा मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर तक रहेगा। 22 दशमलव आठ किलोमीटर लम्बा यह गलियारा पूरी तरह एलिवेटेड होगा। इसमें अत्याधुनिक बीस मेट्रो स्टेशन होंगे और भविष्य में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने को ध्यान में रखते हुए कोटेश्वर रोड़ पर इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध रहेगी। दूसरे गलियारे की लम्बाई पांच दशमलव चार किलोमीटर होगी और यह जीएनएलयू से गिफ्ट सिटी तक जायेगी। इसमें दो एलिवेटेड स्टेशन होंगे और जीएनएलयू स्टेशन पर इंटरचेंज सुविधा रहेगी तथा इसके लिए साबरमती नदी पर पुल बनाया जायेगा।
सूरत की जनसंख्या करीब साठ लाख है और यह भारत में सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर है। सूरत में कोई मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम-एमआरटीएस नहीं है, इसलिए केन्द्र और गुजरात सरकार ने सूरत में एमआरटीएस सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया है। सूरत मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण में दो गलियारे होंगे जिनकी लम्बाई 40 दशमलव तीन पांच किलोमीटर होगी।
पहला गलियारा 21 दशमलव छह एक किलोमीटर और दूसरा गलियारा 18 दशमलव सात चार किलोमीटर लम्बा होगा। पहला गलियारा सरथना से ड्रीम सिटी तक जायेगा और इसमें 14 एलिवेटेड स्टेशन और छह भूमिगत स्टेशन होंगे। ड्रीम सिटी में मेट्रो का डिपो होगा।
दूसरा गलियारा भेसन और सरोली के बीच रहेगा और इसमें 18 एलिवेटेड स्टेशन होंगे, भेसन में मेट्रो डिपो रहेगा। सूरत मेट्रो रेल परियोजना की कुल लागत 12 हजार बीस करोड़ है।
अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण का भूमि पूजन समारोह गांधीनगर में महात्मा मंदिर पर और सूरत मेट्रो रेल परियोजना का भूमिपूजन डायमंड बोर्स ड्रीम सिटी पर होगा।
Source: News On Air