भारत और एशियाई विकास बैंक-एडीबी ने आज दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम-आर०आर०टी०एस० गलियारे के निर्माण के लिए 50 करोड डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। एक अरब डॉलर लागत की इस परियोजना के तहत 82 किलोमीटर के अत्याधुनिक और तेज रफ्तार गलियारे के जरिये उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोडा जाएगा। भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय में अपर सचिव समीर कुमार खरे और एशियाई विकास बैंक की ओर से भारत में बैंक के कंट्री डाइरेक्टर केनिची योकोयामा ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस ऋण की धनराशि का उपयोग परियोजना के पहले चरण के निर्माण में किया जाएगा जिसके अंतर्गत दिल्ली को आसपास के राज्यों से जोड़ने की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय योजना-2021 में व्यवस्था की गई है। श्री खरे ने कहा कि परियोजना के पूरा होने पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य शहरों के साथ दिल्ली का बेहतर संपर्क स्थापित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस गलियारे के निर्माण से क्षेत्र में आवागमन और शहरी विकास के स्वरूप में आमूल परिवर्तन का रास्ता भी साफ होगा।
इस गलियारे पर 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पांच से दस मिनट के अंतराल पर वाहन संचालित किए जाऐंगे। 82 किलोमीटर लम्बा यह गलियारा, दिल्ली में सराय काले खां को उत्तर प्रदेश में मेरठ के मोदीपुरम से जोडेगा। इसके बन जाने से यात्रा एक घंटे में तय की जा सकेगी जिससे यात्रा समय में दो से तीन घंटे की बचत होगी। इस गलियारे में परिवहन के अन्य साधनों के साथ सुचारू रूप से बदलाव सुनिश्चित करने के लिए मल्टी मोडल हब्स का भी निर्माण किया जाएगा।
Source: News On Air