अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर कई राज्यों के लगभग तीन सौ प्रतिभागियों ने कोयम्बटूर के केन्द्रीय वन आनुवांशिकी और वृक्ष प्रजनन संस्थान द्वारा आयोजित डिजिटल परिचर्चा में हिस्सा लिया। यह परिचर्चा इस वर्ष के जैव विविधता दिवस के मुख्य विषय–प्रकृति को लाभदायक बनाने के तरीकों पर केन्द्रित थी। इसमें कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में प्रकृति के संरक्षण के महत्व पर भी चर्चा हुई।
जाने-माने पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर कन्नन वार्टियर ने केरल के पारंपरिक वन वाटिका के बारे में बताया जो जैव विविधता संरक्षण का विशेष उदाहरण है। वन आनुवांशिकी और पौध प्रजनन संस्थान के निदेशक डॉक्टर सेंथिल कुमार ने इस अवसर पर एक विशेष पोस्टर जारी किया।
Source: News On Air